भोर की प्रतीक्षा में ...
- 54 Posts
- 872 Comments
जब नाव पुरानी हो
पतबार भी टूटा हो
नदिया चढ़ी हो फिर भी
उस पार उतरना हो
तो छूटते साहिल से
हंस कर के विदा लेना
मझधार के इरादे
इक बार सोच लेना|
जब रात अमाबस हो
और श्याम घटा छाये
झिलमिल से सितारे भी
मेघों तले छुप जाएँ
तो नन्हें से दीपक को
हथेली से छुपा लेना
तूफ़ान के इरादे
इक बार सोच लेना |
किस्मत का सितारा जब
ऊंचाइयां पा जाये
मिटटी भी छुओ तो वो
सोने में बदल जाये
तो भूंखे गरीवों को
ना छोड़ कर चल देना
भगवान के इरादे
इक बार सोच लेना |
Read Comments